लाभ-हानि और छूट के प्रश्‍नों को कैसे हल करें


लाभ-हानि और छूट के प्रश्‍नों को कैसे हल करें

आइये विषय पर चर्चा करते हैं। नीचे दी गयी जानकारी पर विचार करें-
रौनक रेलगाड़ी से नई दिल्‍ली से जयपुर की यात्रा कर रहा था। प्‍लेटफार्म पर उसने एक उपन्‍यास हॉफ गर्लफ्रेंड खरीदी। उपन्‍यास का अंकित मूल्‍रू 250 रुपये था। उसने विक्रेता से मोल भाव करके 30% छूट के लिये कहा। विक्रेता 30% छूट के लिये नहीं तैयार हुआ और अन्‍त: सौदा 20% छूट पर तय हुआ। उसने उपन्‍यास रेलगाड़ी में पढ़ा और जयपुर पहुंचने पर रौनक ने वह अधिकतम विक्रय मूल्‍य पर मनीष को बेंच दिया। उपन्‍यास पढ़ने के बाद मनीष ने वह नवनीत को कुछ छूट पर 150 रुपये में बेंच दिया।
अब हम पहले कुछ शर्तों को समझते हैं।
1. उपन्‍यास का अधिकतम विक्रय मूल्‍य क्‍या है?
अधिकतम विक्रय मूल्‍य वह मूल्‍य है जो वस्‍तु पर छपा होता है। इसलिये उपन्‍यास का अधिकतम विक्रय मूल्‍य 250 रुपये है।
2. छूट क्‍या है?
छूट की गणना हमेशा अधिकतम विक्रय मूल्‍य पर की जाती है। रौनक और विक्रेता दोनों 20% छूट पर सहमत हुए।
इसलिये छूट= अधिकतम विक्रय मूल्‍य का 20% = 250 का 20% =(20×250)/100 = 50
3. विक्रेता के लिये उपन्‍यास का विक्रय मूल्‍य क्‍या था?
विक्रय मूल्‍य वह मूल्‍य है जिस पर कोई वस्‍तु बेंची जाती है।
विक्रय मूल्‍य = अधिकतम विक्रय मूल्‍य छूट
विक्रय मूल्‍य = 250 50 = 200 रुपये
4. रौनक के लिये उपन्‍यास का क्रय मूल्‍य क्‍या था?
क्रय मूल्‍य वह मूल्‍य होता है जिस पर वस्‍तु खरीदी जाती है।
रौनक ने यह उपन्‍यास 200 रुपये में खरीदा।
5. रौनक के लिये उपन्‍यास का विक्रय मूल्‍य क्‍या है?
रौनक ने इसे अधिकतम विक्रय मूल्‍य पर बेंचा इसलिये रौनक के लिये विक्रय मूल्‍य 250 रुपये है।
6. मनीष के लिये उपन्‍यास का क्रय मूल्‍य क्‍या था?
मनीष ने इसे अधिकतम विक्रय मूल्‍य पर खरीदा। इसलिये मनीष के लिये क्रय मूल्‍य 250 रुपये है।
7. रौनक के लिये लाभ क्‍या है?
रौनक ने इसे 200 रुपये में खरीदा और 250 रुपये में बेंचा।
इसलिये लाभ= विक्रय मूल्‍य  क्रय मूल्‍य = 250 200= 50 रुपये
8. मनीष के लिये विक्रय मूल्‍य क्‍या है?
उसने वह 150 रुपये में नवनीत को बेंची। इसलिये मनीष के लिये विक्रय मूल्‍य 150 रुपये है।
9. मनीष ने नवनीत को कितनी छूट दी?
छूट= मनीष का क्रय मूल्‍य मनीष विक्रय मूल्‍य= 250 – 150 = 100
10. मनीष द्वारा नवनीत को कितने प्रतिशत छूट दी गयी?
प्रतिशत छूट= (छूट/मनीष के लिये क्रय मूल्‍य) 100= (100/250)× 100= 40%
11. मनीष के लिये हानि क्‍या है?
हानि= मनीष के लिये क्रय मूल्‍य  मनीष के लिये विक्रय मूल्‍य
हानि= 250 – 150 = 100 हानि
अब हम इस विषय पर आधारित प्रश्‍नों को हल करके अवधारणा पर चर्चा करेंगे।
उदाहरण 1. यदि एक आदमी 10 रुपये में 12 खिलौने खरीदे और 10 खिलौने 12 रुपये में बेंच दे। तो उसे कितना लाभ या हानि हई?
दृष्‍टिकोण- आप देख सकते हैं अधिक खिलौने कम मूल्‍य पर खरीदे और कम खिलौने अधिक मूल्‍य पर बेंचे। इसलिये हम निश्‍चित रुप से कह सकते हैं कि उसे लाभ हुआ। परीक्षा में वे विकल्‍प जिनमें हानि है उन्‍हें आप आसानी से हटा सकते हैं।
हल- 12 खिलौनों का क्रय मूल्‍य = 10 रुपये
10 खिलौनों का विक्रय मूल्‍य = 12 रुपये
इसलिये 12 खिलौनों का विक्रय मूल्‍य= (12/10)× 12 = 14.4
लाभ प्रतिशत = (विक्रय मूल्‍य  क्रय मूल्‍य) (4.4/10)= %
इस प्रकार के प्रश्‍नों के लिये ट्रिक
खरीद: 12 खिलौने 10 रुपये में
विक्रय: 10 खिलौने 12 रुपये में
लाभ प्रतिशत या हानि प्रतिशत के लिये गुणा कीजिये
लाभ प्रतिशत या हानि प्रतिशत  ((12× 12 – 10× 10)/(10× 10))× 100= 44%
उदहरण 2: यदि एक आदमी 12 खिलौने 10 रुपये में खरीदता है और 10 खिलौने 8 रुपये में बेंचता है। तो उसे कितना लाभ या हानि हुई?
हल: समान दृष्‍टिकोण का प्रयोग करते हुए हानि होगी।
लाभ या हानि प्रतिशत= ((12×8-10×10)/(10× 10))× 100= -4% (ऋण चिन्‍ह से परेशान न हों, यह हानि दर्शाता है)
इसलिये 4% की हानि
विक्रय मूल्‍य= [(100±लाभ या हानि)/100]× क्रय मूल्‍य
उदाहरण 3. एक व्‍यक्‍ति एक वस्‍तु 11% की हानि पर 890 रुपये में बेंचता है। वस्‍तु को 10% के लाभ पर बेंचने पर मूल्‍य ज्ञात कीजिये?
हल- पहला विक्रय मूल्‍य = 890, हानि 11%
हम जानते हैं कि हानि प्रतिशत= [(क्रय मूल्‍य-विक्रय मूल्‍य)/क्रय मूल्‍य]×100
11 क्रय मूल्‍य = (क्रय मूल्‍य-890)×100
11 क्रय मूल्‍य = 100 क्रय मूल्‍य 890  100
89 क्रय मूल्‍य  890 100
क्रय मूल्‍य = 1000
यदि वह उसे 10% लाभ पर बेंचे
तब नया विक्रय मूल्‍य = क्रय मूल्‍य + 10 % क्रय मूल्‍य
नया विक्रय मूल्‍य  1000+100 = 1100
दृष्‍टिकोण: हानि 11% है और इसकी गणना क्रय मूल्‍य पर की जायेगी इसलिये हम कह सकते हैं कि हानि = क्रय मूल्‍य का 11%
नया विक्रय मूल्‍य = [(100±नया लाभ या हानि %)/100]× CP….(1)
पुराना विक्रय मूल्‍य =[(100±पुराना लाभ या हानि%)/100]×CP….(2)
क्रय मूल्‍य = पुराना विक्रय मूल्‍य / [(100±पुराना लाभ या हानि %)/100]….(3)
अब समीकरण 3 का मान समीकरण 1 में रखने पर
नया विक्रय मूल्‍य = पुराना विक्रय मूल्‍य [(100±नया लाभ या हानि %)/(100±नया लाभ या हानि %)]
महत्‍वपूर्ण: लाभ के लिये धनात्‍मक चिन्‍ह और हानि के लिये ऋणात्‍मक चिन्‍हनया विक्रय मूल्‍य = 890 [(100+10)/(100-11)] = 1100
उदाहरण 4: एक दुकानदार एक वस्‍तु को अंकित मूल्‍य पर 20% की छूट देने के बाद 6080 रुपये में बेंचता है और क्रय मूल्‍य पर 18% का लाभ कमाता है। यदि वह छूट न दे तो उसका प्रतिशत लाभ क्‍या होगा?
हल- विक्रय मूल्‍य = अंकित मूल्‍य (100-छूट)%
6080 = अंकित मूल्‍य(80%)
अंकित मूल्‍य= 7600
विक्रय मूल्‍य = क्रय मूल्‍य [(100+लाभ%)/100]
विक्रय मूल्‍य = क्रय मूल्‍य(118/100)
क्रय मूल्‍य =  (6080×100)/118
क्रय मूल्‍य = 5125.54
उसने वह अंकित मूल्‍य पर बेंचा इसलिये नया विक्रय मूल्‍य = अंकित मूल्‍य
लाभ प्रतिशत= [(अंकित मूल्‍य- क्रय मूल्‍य)/क्रय मूल्‍य]×100
= [(7600-5125.24)/5125.24]×100
=47.5%
दूसरा दृष्‍टिकोण:आवश्‍यक लाभ प्रतिशत = [(छूट±लाभ या हानि)/(100-छूट%)]× 100
आवश्‍यक लाभ प्रतिशत = [(20+18)/(100-20)]× 100
आवश्‍यक लाभ % = 380/8 = 47.5%
उदाहरण 5: एक दुकानदार एक वस्‍तु पर 20% की छूट देने के बाद 25% लाभ पर बेंचता है। क्रय मूल्‍य, विक्रय मूल्‍य तथा अंकित मूल्‍य के बीच अनुपात ज्ञात कीजिये?
हल- यदि वस्‍तु का क्रय मूल्‍य 100 रुपये है।
विक्रय मूल्‍य = (125/100)×100 = 125
विक्रय मूल्‍य = [(100-छूट%)/100]अंकित मूल्‍य
विक्रय मूल्‍य =(80/100)अंकित मूल्‍य
अंकित मूल्‍य = (125×100)/80
अंकित मूल्‍य = 625/4
क्रय मूल्‍य : विक्रय मूल्‍य : अंकित मूल्‍य
  100   :  125  :  625/4
     4 : 5 : (25/4)
    16: 20 :25
दूसरा दृष्‍टिकोणमाना अंकित मूल्‍य 100 रुपये है
अंकित मूल्‍य = 100
विक्रय मूल्‍य = 80
तब विक्रय मूल्‍य = क्रय मूल्‍य का 125%
इसलिये क्रय मूल्‍य = 64
क्रय मूल्‍य : विक्रय मूल्‍य : अंकित मूल्‍य = 64:80:100
= 16:20:25
बेईमान दुकानदार की अवधारणा
उदाहरण 6: एक बेईमान दुकानदार अपनी वस्‍तुओं को क्रय मूल्‍य पर बेंचने का दावा करता है लेकिन वह एक किग्रा के स्‍थान पर 900 ग्राम का भार रखता है। उसका प्रतिशत लाभ ज्ञात कीजिये?
हल- माना एक किग्रा का मूल्‍य 100 रुपये है तब 900 ग्राम का मूल्‍य 90 रुपये होगा।
अत: वह एक किग्रा के स्‍थान पर 900 ग्राम बेंचता है लेकिन उसका क्रय मूल्‍य सिर्फ 90 रुपये होगा।
इसलिये वह 90 रुपये पर 10 रुपये का लाभ कमाता है ना कि 100 रुपये पर।
इसलिये लाभ प्रतिशत = (10/90)×100
 = 11(1/9)%
आप सूत्र का भी प्रयोग कर सकते हैं
प्रतिशत लाभ= [त्रुटि/(वास्‍तविक मान-त्रुटि)]×100
प्रतिशत लाभ = [100/(1000-100)]×100
  = 100/9 = 11(1/9)%  
उदाहरण 7: एक बेईमान दुकानदार क्रय मूल्‍य पर अपनी वस्‍तु बेंचने का दावा करता है लेकिन वह 25% का लाभ कमाता है। 800 ग्राम के स्‍थान पर उसके द्वारा प्रयोग किया गया भार ज्ञात कीजिये?
हल: माना 800 ग्राम वस्‍तु का क्रय मूल्‍य 100 रुपये है।
वह वस्‍तु क्रय मूल्‍य पर बेंचता है जो‍ कि 100 रुपये है लेकिन 25% लाभ कमाता है।
इसलिये उसके द्वारा बेंची गयी वस्‍तु का क्रय मूल्‍य = [विक्रय मूल्‍य/(100+लाभ)]× 100
 वस्‍तु का क्रय मूल्‍य = (100/125)× 100 = 80
800 ग्राम का मूल्‍य 100 रुपये
80 रुपये मूल्‍य = (800/100)×80 = 640 ग्राम
उसने 800 ग्राम के बजाय 640 ग्राम का प्रयोग किया।
उदाहरण 8- एक मशीन 10% लाभ कमाने के लिये 5060 रुपये में बेंची गयी। यदि उसे 4370 रुपये में बेंचा जाये तो लाभ या हानि प्रतिशत ज्ञात कीजिये?
हल: विक्रय मूल्‍य= क्रय मूल्‍य × [(100+10)/100]
विक्रय मूल्‍य = क्रय मूल्‍य ×(11/10)
नया क्रय मूल्‍य= 4370
हानि प्रतिशत= (230/4600)×100 = 5%
उदाहरण 9. आशीष ने एक कलम 5% हानि पर और एक किताब 15% लाभ पर बेंची। कुल व्‍यापर में उसने 7 रुपये कमाये। यदि उसने कलम 5% लाभ पर तथा किताब 10% लाभ पर बेंची होती तो उसे 6 रुपये और अधिक मिलते। कलम और किताब का क्रय मूल्‍य ज्ञात कीजिये?
हल- माना किताब का क्रय मूल्‍य B और कलम का क्रया मूल्‍य P है। हम जानते हैं कि लाभ या हानि की गणना क्रय मूल्‍य पर की जाती है।
इसलिये प्रथम स्‍थिति में, कलम के लिये हानि= P का 5%, किताब के लिये लाभ = B का 15%
द्वितीय स्‍थिति के में, किताब के लिये लाभ = B का 10%, कलम के लिये लाभ = P का 5%
हानि के लिये  (-) चिन्‍ह का तथा लाभ के लिये (+) चिन्‍ह का प्रयोग कीजिये-
द्वितीय स्‍थिति में उसने 13 रुपये कमाये(पहले से 6 अधिक)
15%B-5%P =7…..(1)
10%B+5%P =13…(2)
समीरण (1) और (2) को जोड़ने पर
25%B = 20
B = 20×(100/25)
B = 80 रुपये
दूसरे समीकरण में B=80 रखने पर
5%P = 13-8
5%P = 5
P = 100 रुपये

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