भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ


अनुसूची किसी लेख से जुड़े हुए पूरक विवरण का कथन होता है। किसी अनुसूची में संविधान के किसी निश्चित अनुच्‍छेद का कथन होता है। किसी अनुसूची में संविधान के किसी निश्चित अनुच्‍छेद की व्‍याख्‍या निहित होती है। अनुसूचियाँ संविधान का एक भाग है और वे संसद के संसद के संशोधन की शक्ति के अधीन आती है। संवैधानिक उपबंध के अनुसार कुछ अनुसूचियों के संशोधन के लिए अनुच्‍छेद 368 का प्रयोग जरूरी होता है और कुछ अन्‍य अनुसूचियां संसद द्वारा साधारण प्रक्रिया द्वारा संशोधित की जा सकती हैं।

पहली अनुसूची

  • यह अनुच्‍छेद 1 और अनुच्‍छेद 4 की व्‍याख्‍या है। इसमें 28 राज्‍यों और 7 संघ राज्‍य क्षेत्रों का विवरण है।

दूसरी अनुसूची

  • इसमें उच्‍च संवैधानिक पदों जैसे राष्‍ट्रपति, राज्‍यपाल, लोक सभा के अध्‍यक्ष एवम् उपाध्‍यक्ष, राज्‍य सभा के सभापति एवम् उपसभापति, राज्‍य विधानसभाओें के अध्‍यक्ष एवम् उपाध्‍यक्ष, राज्‍य विधान परिषदों के सभापति और उपसभापति, उच्‍च न्‍यायालयों एवं उच्‍चतम् न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों, नियंत्रक-महालेखा परीक्षक आदि के वेतन व भत्‍तों का विवरण है।

तीसरी अनुसूची

  • इसमें उच्‍च संवैधानिक पदों के लिए पद एवम् गोपनीयता के शपथ का प्रारूप विद्यमान है।
  • विभिन्‍न पदों के लिए शपथ के भिन्‍न प्रारूप के कारण :
    • संविधान, विभिन्‍न संवैधानिक पदों को भिन्‍न-भिन्‍न कृत्‍यों का दायित्‍व सौंपता हैं, अत: उन्‍हें भिन्‍न प्रारूपों में शपथ लेनी होती है। उदा‍हरण के लिए राष्‍ट्रपति को संविधान के परीरक्षण (Preserve), संरक्षण (Conserve) और प्रतिरक्षण (Defend) का उत्‍तरदायित्‍व है, जबकि संघ के मंत्रियों को संविधान के प्रति सच्‍ची श्रद्धा और निष्‍ठा तथा भारत की प्रभुता और अंखडता अक्षुण्‍ण रखने की शपथ लेनी होती है।
    • कुछ संवैधानिक अधिकारियों, जैसे-राष्‍ट्रपति, राज्‍यपाल तथा संघ एवम् राज्‍य के मंत्रियों के पास राज्‍य के बारे में गोपनीय जानकारियाँ होती हैं और उन्‍हें पद की शपथ के साथ-साथ गोपनीयता की भी शपथ लेनी होती है।
    • संविधान एक वरीयता क्रम सृजित करता है। इस तरह यह राष्‍ट्रपति, उप-राष्‍ट्रपति और राज्‍यपाल के लिए शपथ का प्रारूप मुख्‍य संविधान में शामिल करता है, जबकि अन्‍य पदों के लिए यह अनुसूची में दिया हुआ है।

चौथी अनुसूची

  • राज्‍य सभा में विभिन्न राज्‍यों के लिए सीटों का आवंटन।

पांचवी अनुसूची

  • अनुसूचित क्षेत्रों एवं अनुसूचित जातियों के प्रशासन तथा नियंत्रण से संबंधित उपबंध।

छठी अनुसूची

  • असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के प्रशासन से संबंधित उपबंध।

सातवीं अनुसूची

  • इसमें संघ सूची , राज्‍य सूची और समवर्ती सूची के विषय का उल्‍लेख किया गया है।

संघीय सूची के प्रमुख विषय

  1. रक्षा, सशस्‍त्र बल व आयुध
  2. केंद्रीय सूचना व अन्‍वेषणब्‍यूरो
  3. रेल, वायु मार्ग, राष्‍ट्रीय राजमार्ग व जलमार्ग
  4. मुद्रा
  5. जनगणना
  6. परमाणु ऊर्जा
  7. विदेश संबंध व संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ
  8. डाक, टेलीफोन आदि संचार के साधन
  9. राष्‍ट्रीय महत्‍व की घोषित कोई संस्‍था
  10. अखिल भारतीय सेवाएँ

राज्‍य सूची के प्रमुख विषय

  1. लोक व्‍यवस्‍था, सामान्‍य व रेल पुलिस
  2. उच्‍चतम न्‍यायाल से भिन्‍न न्‍यायालय
  3. बाजार व मेले
  4. लोक स्‍वास्‍थ्‍य, स्‍वच्‍छता, अस्‍पताल
  5. स्‍थानीय शासन
  6. कृषि, कृषि शिक्षा और अनुसंधान

समवर्ती सूची के प्रमुख विषय

  1. दंड विधि व दंड प्रक्रिया संहिता
  2. उच्‍चतम न्‍यायालयसे भिन्‍न किसी न्‍यायालय का अवमान
  3. जनसंख्‍या नियंत्रण व परिवार नियोजन
  4. सिविल प्रक्रिया संहिता
  5. पशुओं के प्रति क्रूरता
  6. वन

आठवीं अनुसूची

इसमें भारत की 22 भाषाओं का उल्‍लेख किया गया है:
  1. असमिया
  2. बंग्‍ला
  3. गुजराती
  4. हिन्‍दी
  5. कन्‍नड़
  6. कश्‍मीरी
  7. कोंकणी
  8. मलयालम
  9. मणिपुरी
  10. मराठी
  11. नेपाली
  12. उडि़या
  13. पंजाबी
  14. संस्‍कृत
  15. सिन्‍धी
  16. तमिल
  17. तेलगू
  18. उर्दू
  19. बोडो
  20. मैथिली
  21. संथाली
  22. डोगरी
Note – मूल संविधान में कुल 14 भाषाएँ थीं। 1967 में सिन्‍धी, 1992 में कोंकणी मणिपुरी, नेपाली, 2003 में मैथिली, संथाली, डोगरी व बोडो को संविधान की आठवी अनुसूची में शामिल किया गया।

नवीं अनुसूची

  • इस अनुसूची के अंतर्गत आने वाले अनुच्‍छेदों एवं कानूनों को न्‍यायिक समीक्षा के दायरे से अलग रखा गया है। इस अनुसूची में मुख्‍यत: भू-सुधार एवं अधिग्रहण संबंधी कानूनों को रखा गया है।

दसवी अनुसूची

  • इसमें दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्‍लेख है।

ग्‍यारहवी अनुसूची

  • इस अनुसूची के आधार पर ‘पंचायती राजव्‍यवस्‍था’ को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। इसमें 29 विषय हैं। इस अनुसूची को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया।

बारहवी अनुसूची

  • इस अनुसूची के आधार पर शहरी क्षेत्र की स्‍थानीय स्‍वशासन संस्‍थाओं का उल्‍लेख कर उन्‍हें संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। इसमें 18 विषय हैं। इस अनुसूची को 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा जोड़ा गया।

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